सेबी ने Kotak MF Trustee Company और 6 Officials पर AMC की Fixed Maturity Plans (FMPs) को समय पर बंद न करने और Essel Group Companies में निवेश करते समय उचित परिश्रम नहीं करने के करना 1.6 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है ।

आइए इसको विस्तार में जानते है –

फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान (FMP) क्या हैं?

फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान (एफएमपी) क्लोज-एंडेड डेट म्यूचुअल फंड का एक विशेष वर्ग है। वे एक पूर्व निर्धारित समय के पूरा होने के बाद समाप्त हो जाते हैं।

इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि योजना के परिपक्व होने के बाद ही FMP निवेश को निकाला जा सकता है, और किसी भी समय से पहले निकालने की अनुमति नहीं होती है।

चूंकि वे क्लोज-एंडेड होते हैं, इसलिए जब कोई नया फंड ऑफर (NFO) आता है तो आप उनमें निवेश कर सकते हैं – NFO कि अवधि खत्म होने के बाद किसी भी नए निवेश की अनुमति नहीं है।

पूरा मामला क्या है ?

  • यह मामला अप्रैल और मई 2019 में mature हुई 6 MFP Schemes से जुड़ा है।
  • इन योजनाओं में Essel Group Companies से संबंधित Konti Infrapower & Multiventures और Edisons Utility Works द्वारा जारी Debt Securities में निवेश किया गया था।
  • और इन Debt Securities के प्रमोटर Cyquator Media Services ने Zee Entertainment के इक्विटी शेयरों को इनके लिए Pledge के रूप में रखा था ।
  • नियमानुसार सभी निवेशकाओ को भुगतान परिपक्वता पर किया जाना चाहिए था।
  • हालांकि, Kotak Mahindra AMC ने Essel Group Companies के प्रमोटरों और अन्य प्रमोटर संस्थाओं के साथ सहमति व्यक्त की और विभिन्न एस्सेल समूह संस्थाओं की प्रतिभूतियों की परिपक्वता को 30 सितंबर, 2019 तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
  • इस प्रकार सभी छह योजनाओं के निवेशकों को योजनाओं के NAV के आधार पर Maturity पर पूरी राशि का भुगतान नहीं किया गया था।

सेबी ने Kotak MF Trustee पर जुर्माना क्यों लगाया?

  • सेबी के अनुसार, कोटक महिंद्रा ट्रस्टी कंपनी कोटक एएमसी की ट्रस्टी होने के कारण योजना से संबंधित जानकारी का खुलासा करने में विफल रही।
  • उसे Essel Group Companies से संबंधित प्रतिकूल स्थिति का अपने यूनिटधारकों को सटीक और समयबद्ध तरीके से खुलासा करना चाहिए था।
  • सेबी की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2019 से एएमसी को इसकी जानकारी थी।
  • Essel Group Companies के प्रमोटरों द्वारा प्रतिभूतियों की परिपक्वता अवधि बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कवर नहीं देने और ट्रस्टी द्वारा इसकी सूचना निवेशकों को न देने के कारण निवेशकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। यह जानकारी निवेशकों को तब नहीं दी गई जब घटनाएँ हुईं।
  • इसके साथ ही, सेबी ने जारीकर्ताओं की ऋण प्रतिभूतियों या Zero Coupon Non-Convertible Debenture (ZCNCDs) का मूल्यांकन करते समय उचित मूल्यांकन के सिद्धांतों का अनुपालन नहीं किया और इन संस्थाओं द्वारा 6 MFP योजनाओं के निवेशकों के लिए अपर्याप्त प्रकटीकरण पाया।

इस मामले में किस पर कितना जुर्माना लगाया गया है?

सेबी ने कोटक महिंद्रा ट्रस्टी कंपनी और कोटक एएमसी के एमडी नीलेश शाह पर एस्सेल ग्रुप की कंपनियों में निवेश करते समय म्यूचुअल फंड से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना लगाया है।

जिन अन्य लोगों को दंडित किया गया है उनमें कोटक एएमसी के फंड मैनेजर – लक्ष्मी अय्यर, दीपक अग्रवाल, अभिषेक बिसेन और अनुपालन अधिकारी जॉली भट्ट और गौरांग शाह शामिल हैं।

सेबी ने कोटक महिंद्रा ट्रस्टी कंपनी पर 40 लाख रुपये, नीलेश शाह पर 30 लाख रुपये, अय्यर पर 25 लाख रुपये, अग्रवाल पर 20 लाख रुपये, भट्ट पर 10 रुपये, बिसेन पर 15 लाख रुपये और गौरांग पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

Kotak MF Trustee Company पर सेबी द्वारा अन्य दंड

पिछले साल, अगस्त में, सेबी ने एएमसी को छह एफएमपी योजनाओं के यूनिट धारकों से एकत्र किए गए निवेश प्रबंधन और सलाहकार शुल्क का एक हिस्सा 15% प्रति वर्ष ब्याज के साथ वापस करने के लिए कहा था।

इसने कोटक एएमसी को छह महीने के लिए कोई नई निश्चित परिपक्वता योजना शुरू करने से भी रोक दिया है और इस मामले में फंड हाउस पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

निवेशकों को क्या करना चाहिए ?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोटक एएमसी सेबी के आदेश को चुनौती दे सकती है। अभी तक, एएमसी ने आरोपों का जवाब नहीं दिया है।

म्यूचुअल फंड एडवाइजर्स के मुताबिक, निवेशकों को फिलहाल कुछ नहीं करना चाहिए और ब्योरे का इंतजार करना चाहिए। हड़बड़ी में पैनिक सेलिंग से बचें।

इस मामले मी किसी भी कार्रवाई पर हम लेख के जरिए आपको अपडेट करते रहेंगे ।

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