ICICI Prudential Mutual Fund ने ‘Booster SIP’ लॉन्च किया है जो कि SIP और STP बेहतरीन मिश्रण है जिसमे निवेशक निवेशक डेट फंड के साथ-साथ एक्विटी में भी निवेश कर पाएंगे और Rupee-Cost Averaging का अच्छा लाभ उठा पाएंगे ।
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Booster SIP क्या है ?
इस स्कीम में निवेशक SIP के जरिए डेट फंड में निवेश करेंगे और जो भी कॉर्पस इस SIP से इकठ्ठा होगा उसको फंड स्वचालित रूप से Equity Valuation Index (EVI) के आधार पर विकसित एक गुणांक के हिसाब से एक्विटी फंड में निवेश कर देगा।
‘Booster SIP’ में निवेशकों के पास ICICI Prudential Mutual Fund की तीन डेट स्कीमों- अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड, इक्विटी सेविंग फंड और फ्लोटिंग इंटरेस्ट फंड में से किसी में भी SIP शुरू करने का विकल्प होगा।
इसके बाद, निवेशकों के अपने डेट फंड के कॉर्पस को STP के जरिए एक्विटी में निवेश के लिए ICICI Prudential Mutual Fund की Hybrid या Equity योजनाओं में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा।
Equity Valuation Index (EVI) क्या होता है ?
आम तौर पर कोई भी इंडेक्स कई सारे फैक्टर के आधार पर बनाता है । उदाहरण के लिए निफ्टी 50 का इंडेक्स में भी कई सारे स्टॉक का weightage होता है । जिसके आधार पर इंडेक्स का मान घटता और बढ़ता रहता है।
ठीक इसी प्रकार, ICICI Prudential Mutual Fund ने Price to Earnings (P/E), Price to book (P/B), G-Sec*PE and Market-Cap to Gross Domestic Product (GDP) Ratio को बराबर वरीयता देते हुए एक सूचकांक तैयार किया है जिसको Equity valuation index (EVI) कहते है ।
डेट फंड से STP कितने की होगी ?
डेट से इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर की गई राशि बाजार की स्थिति के आधार पर हर महीने अलग-अलग होगी ।
एक्विटी फंड में STP की राशि, SIP की राशि के 10 प्रतिशत से लेकर 10 गुणा तक हो सकती है ।
जहां पर, T एक फंड हाउस द्वारा विकसित फॉर्मूले के आधार पर निर्धारित गुणक है ।
इस अवधारणा का उद्देश्य यह है कि –
निवेशक Low Valuation Period के दौरान एक्विटी मे ज्यादा निवेश करें और High Valuation Period के दौरान कम निवेश करें।
इस फंड के बारे में ICICI Prudential म्यूचूअल फंड की राय
इस स्कीम के लॉन्च पर बोलते हुए, चिंतन हरिया, हेड- प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड स्ट्रैटेजी, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी ने कहा,
Booster SIP Dynamic किस्त के माध्यम से Rupee-Cost Averaging और Value Averaging का लाभ उठाता है। और STP की किस्त मार्केट वैल्यूएशन के आधार पर इन-हाउस इक्विटी वैल्यूएशन इंडेक्स पर निर्धारित होती है।
Chintan Haria, Head- Product Development & Strategy, ICICI Prudential AMC
Value Averaging क्या होता है ?
Value Averaging एक निवेश रणनीति है जिसमें निवेशक समय के साथ अपने पोर्टफोलियो में नियमित रुप से निवेश करता रहता है
और जब किमते गिरती हैं या पोर्टफोलियो का मूल्य कम होता है तो निवेशक उस पोर्टफोलियो में अधिक निवेश करता है।
जब यह पोर्टफोलियो बढ़ेगा तो कम निवेश करता है ।
Rupee-Cost Averaging क्या होता है ?
Rupee-Cost Averaging निवेश करने कि ऐसी रणनीति है जिसमे निवेशक कीमत की परवाह किए बिना, नियमित अंतराल पर समान मात्रा में व्यवस्थित रूप से निवेश करते रहता है । Rupee-Cost Averaging का सबसे अच्छा तरीका Systematic Investment Plan(SIP) होता है ।
इसका मुख्य लक्ष्य लक्षित परिसंपत्ति की कीमत पर अस्थिरता के समग्र प्रभाव को कम करना है; चूंकि हर बार एक आवधिक निवेश किए जाने पर कीमत अलग-अलग हो सकती है, इसलिए निवेश में अस्थिरता का इतना अधिक प्रभाव नहीं है।
Rupee-Cost Averaging का उद्देश्य एकमुश्त निवेश करने की गलती करने से बचना भी है जब परिसंपती का दाम बढ़ा हुआ होता है ।