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पहला कदम : ईमरजेन्सी फंड बनाना सुरू करे
ईमर्जन्सी फंड इसलिए बनाते है ताकि हम भविष्य में किसी अप्रायोजित घटना या अप्रत्याशित खर्चों से हमारे अपने लंबे अवधि की वित्तीय योजनाओ पर असर न पड़े । जैसे कि कार या बाइक का अचानक खराब हो जाना, फोन टूट जाना, किसी स्वास्थ्य समस्या के चलते काम का बंद हो जाना या फिर अचानक नौकरी का चला जाना और भी बहुत कुछ । यह आपकी मासिक आय का 6 गुना होना चाइए। इन पैसे को आप या तो किसी स्वीप-इन सेविंग अकाउंट, फिक्स्ड़ डिपाजिट या लिक्विड फंड में रख सकते है ।
दूसरा कदम : टर्म लाइफ इन्शुरेन्स खरीदे
टर्म इंश्योरेंस, जिसे शुद्ध जीवन बीमा भी कहा जाता है, एक प्रकार का जीवन बीमा है जो किसी व्यक्ति के आपातकालीन मृत्यु पर एक निश्चित धनराशि आपके नॉमिनी को मिल जाता है और यह निश्चित धनराशि बीमा खरीदते समय तय किया जाता है । इस तरह के बीमा में मृत्यु लाभ के अलावा किसी अन्य प्रकार का लाभ नहीं मिलता और यह अगर कम उम्र में लिया जाय तो सस्ता भी पड़ता है ।
तीसरा कदम : फॅमिली हेल्थ इन्सुरेंस करवाए
चौथा कदम : रिटायरमेंट प्लान करे
पाँचवा कदम : बच्चों के उच्च शिक्षा के लिए फंड जोड़े
अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए अच्छी शिक्षा बहुत जरूरी होता है । महंगाई के चलते उच्च शिक्षा महंगी होती जा रही है। जिस पढ़ाई के लिए आज 1 लाख लग रहे है उसी के लिए 20 वर्षो के बाद आपको 20 लाख देने पड़ेंगे। तो आपको इन खर्चों के लिए सुरू से तैयार रहना होगा तो इसके लिए आप अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से प्लान बनवा कर सुव्यवस्थित तरिके से निवेश शुरू कर दे।
छठा कदम : सभी कर्जों को चुका दे
कर्ज किसी भी तरीके का हो पर आपकी आजादी छिन लेता है। इसीलिए आपको अपने सभी कर्ज जैसे कार लोन , एजुकेशन लोन इत्यादि को जल्द से जल्द चुका दे और उसके बाद अपने आप को होम लोन पर केंद्रित कर उसको भी जल्द से जल्द चुका दे। कुछ लोग कर्ज को भी अच्छा और बुरा बताते है परंतु कर्ज वो ही अच्छा होता है जिसको आपने चुका दिया है ।
सातवाँ कदम : अपने पैसों को निवेश करे
क्या आपको पता है बिना कर्ज के जिने वाले लोग क्या करते है ? वो अपने जीवन को अपने हिसाब से आजादी के साथ जीते है। आखिरी कदम सबसे मजेदार है । आप अपने पैसों को निवेश करके और अपने पैसों को बढाते रहें और जरूरतमंदों की उदारता के साथ मदद करे। अपने बच्चों और उनके बच्चों के लिए एक अच्छा खासा धन छोड़ कर जाए और इसको ही शायद हम विरासत कहते है ।
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