- व्यक्तियों और निगमों के लिए आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं।
- वरिष्ठ नागरिकों को राहत: सरकार ने 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर रिटर्न दाखिल करने से छूट दिया जाएगा अगर उनकी आय का श्रोत केवल पेंशन और निवेश पर मिला ब्याज है ।
- भविष्य निधि से कर मुक्त आय पर सीमा: भविष्य निधि में कर्मचारियों के योगदान पर ब्याज आय पर कर छूट 2.5 लाख रुपये तक सीमित होगी।
- वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत तक एक वर्ष के लिए टैक्स इनसेंटिव का विस्तार : इसमें हाउज़िंग लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपए तक की कर छूट तथा सस्ते आवासी प्रोजेक्ट्स, स्टार्ट अप्स के मुनाफे पर टैक्स हॉलिडे और स्टार्ट अप्स में निवेश के लिए पूंजीगत लाभ की छूट शामिल हैं।
- कृषि और इांफ्रास्रक्चर विकास सेस: सेस को कुछ महत्वपूणच वस्तुओं पर वसूला जाएगा जिनमे सोना,चांदी, एल्कोहल और कपास इत्यादि शामिल है तथा बेलसक कस्टम्स ड्यूटी में समान राशि की कटौती होगी। पेट्रोल और डीजल पर क्रमशः 2.5 रुपए और 4 रुपए प्रति लीटर की दर से सेस वसूला जाएगा, और उनकी एक्साइज ड्यूट में उतनी ही कटौती की गई है। चूंकि सेस राज्यों के साथ नहीं बांटे जाते , वे राजस्व के डिवीसीबल पूल का हिस्सा नहीं होते, इसलिए राज्यों की राजस्व प्राप्तियों पर इसका प्रतिकूल असर होगा।
- कस्टम्स ड्यूटी में परिवर्तन: कुछ वस्तुओं, जैसे कपास, लसल्क, कुछ ऑटो और मोबाईल पार्ट्स पर कस्टम ड्यूट को बढाया गया है।
- ऑडिट से छूट: जो कारोबार अपना 95% लेनदेन डिजिटल करते हैं और जिनका टर्न ओवर पाँच करोड़ रुपए से कम है,उन्हें ऑडिटेड अकाउंट रखने से छूट दी जाती है। यह सीमा बढाकर 10 करोड़ रुपए कर दी गई है।
- आयकर प्रकिया की समयािधि कम की गई: आयकर आँकलन के मामलों को कफर से खाने की समय सीमा छह वर्ष से घटाकर तीन वर्ष कर द जाएगी।
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