आज कल फाइनैन्स वर्ल्ड  में एक स्थायी सा विवाद छिड़ा हुआ है कि कौन सा निवेश अच्छा है : Active Investing या Passive Investing.

जहाँ सक्रिय निवेश(Active Investing) में बाजार के प्रमुख बदलावों पर निवेश में परिवर्तन या निवेश के तरीके में बदलाव को  सपोर्ट करता है वही निष्क्रिय निवेश (Passive Investing) के हिसाब से निवेशक को धैर्य के साथ दीर्घकालिक निवेश दृष्टिकोण पर ध्यान देना चाहिए । 

निष्क्रिय निवेश (Passive Investing) की एक मात्र रणनीति है : खरीदो और पकड़े रहो  (Buy and Hold)

जैसे कि नाम से ही कुछ अंदाज लगाया जा सकता है कि निवेशक को निवेश के लिए एक गैर-सक्रिय भूमिका निभाता है। जब आप कम लागत और लंबी अवधि के क्षितिज के साथ एक विविध (diversified) पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं, तो ऐसा निवेश  बाजार के औसत से तुलनीय रिटर्न प्रदान करता है।

पैसिव इन्वेस्टमेंट इस आधार पर काम करता है कि लॉन्ग टर्म (long term) में मार्केट पॉजिटिव रिटर्न देता है और इसलिए लॉन्ग टेन्योर (long tenure) के लिए पर्याप्त बदलाव के बिना ही पोर्टफोलियो को होल्ड करना पड़ता है।

निवेशक विभिन्न तरीकों से निष्क्रिय निवेश (Passive Investing) के रणनीतियों को अमल में ला सकता है परंतु उन सबमे इंडेक्सिंग (Indexing) सबसे सरल उपाय है । 

इंडेक्सिंग का अर्थ है एक इंडेक्स को पूर्णतः अनुकरण करना, जो सेक्टरों और कंपनियों में निवेश को स्वचालित रूप से विविधता प्रदान करता है।इंडेक्सिंग के अपने फायदे और कमियां हैं।

निष्क्रिय रूप से पूरी तरह से निवेश करना सरल, पारदर्शी, कर-कुशल और लागत प्रभावी है।

चूंकि इंडेक्सिंग के लिए दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है और कॉर्पस की तैनाती को सूचकांक में बेंचमार्क किया जाता है, इसलिए पोर्टफोलियो निवेश के पूरे कार्यकाल के लिए अपरिवर्तित रहता है। यह निवेश की लागत को कम करता है क्योंकि प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री नहीं होती है।

यह पारदर्शी भी है क्योंकि निवेशक अंतर्निहित परिसंपत्तियों (securities) की संरचना को जानता है, जिससे निगरानी भी आसान हो जाती है। एक निष्क्रिय निवेश रणनीति को लागू करना अपेक्षाकृत आसान है क्योंकि इसमें बाजार में हो रहे हलचल के अनुसार पोर्टफोलियो में संशोधनों की आवश्यकता नहीं होती है।

जबकि निष्क्रिय निवेश के फायदे है परंतु इसमें कुछ खामियों भी है।  प्राथमिक कमियों में से एक निवेश का सीमित दायरा है। एक निष्क्रिय निवेश पोर्टफोलियो कुछ बड़े बदलावों के बिना कुछ अनुक्रमित या सीमित प्रकार की संपत्ति (Asset) तक सीमित रहता है।

यह बाजार की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी निवेशक को निवेश में रोक देता है। कभी कभी निष्क्रिय फंड भी कम संभावित रिटर्न देते  हैं, खासकर जब निवेश की अवधि बहुत लंबी नहीं होती है।

Active investments क्या होता है ?

सक्रिय निवेश काफी अधिक लचीला(flexible) होता है। एक सक्रिय फंड मैनेजर को एक इंडेक्स का पालन नहीं करना पड़ता है और वह अपने बाजार के समझ के आधार पर पोर्टफोलियो को संशोधित कर सकता है।सक्रिय फंड मैनेजर परिसंपत्तियों (securities) को प्रबंधन के तहत बदलते रहते हैं। 

Passive Investing के उदाहरण 

इक्विटी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड का उपयोग निष्क्रिय निवेश के लिए किया जा सकता है। इक्विटी ईटीएफ निफ्टी 50 या सेंसेक्स जैसे सूचकांकों को ट्रैक करते हैं। 

SBI Nifty Next 50 Index Fund

Disclaimer : MUTUAL FUND INVESTMENTS ARE SUBJECT TO MARKET RISKS, READ ALL SCHEME RELATED DOCUMENTS CAREFULLY.

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