UPI क्या है और कैसे काम करता है ये प्रश्न आज कल बहुत प्रचलित है। आजकल अधिकांश दुकानदारों, कारोबारियों और ग्राहकों को UPI शब्द का इस्तेमाल करते हुए सुना जा सकता है।
UPI का पुरा नाम Unified Payments Interface (UPI) हैं। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) एक ऐसी प्रणाली है जिसके तहत एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में कई बैंक खातों को जोड़कर निर्बाध रूप से बैंकिंग सुविधाओं का लाभ लिया जा सकता है। इसके अलावा फंड रूटिंग और मर्चेंट भुगतान किया जा सकता है।
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UPI कैसे काम करता है?
यूपीआई सेवा मोबाईल ऐप पर आधारित है। UPI ऐप से आपके बैंक और मोबाईल नंबर जुड़े होते हैं। यूजर किसी भी मोबाइल नंबर पर इस ऐप के जरिये रुपये भेज सकता है। हालांकि, इसमें यह सुनिश्चित करना होता है कि रुपये प्राप्त करने वाला भी यूपीआई से जुड़ा होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर ट्राजेक्शन पूरा नहीं होगा।
वहीं, लेन देन को आसान बनाने के लिए उपयोगकर्ता को एक यूनिक कोड प्रदान किया जाता है जिससे डायरेक्ट बैंक पेमेंट्स कर सकते हैं। इस यूनिक कोड की मदद से यूजर किसी को रुपये के लिए भेजने के लिए आमंत्रित कर सकता है।
इतनी अच्छी सेवा की शुरूआत भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने 21 सदस्य बैंकों के साथ 11 अप्रैल 2016 को मुंबई में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया।
अब सवाल उठता है कि यूपीआई (UPI) का मालिक कौन है?
यूपीआई National Payments Corporation of India (NPCI) के तहत आता है और यह भारत सरकार वित्त मंत्रालय के अधीन है। यह प्रणाली पूरी तरह से सुरक्षित है और इस पर भारतीय रिजर्व बैंक का नियंत्रण है। यूपीआई के तहत ट्रांजेक्शन के लिए कई ऐप हैं।
इसमे मुख्य ऐप BHIM है। BHIM भारत सरकार की ओर से जारी किया गया है। इसे अंग्रेजी में Bharat Interface For Money (BHIM) और हिंदी में संक्षेप में भीम के रूप में जाना जाता है।
भीम ऐप के जरिए आप किसी भी UPI आइडी , बैंक खाता, मोबाइल नंबर में पैसा भेज सकते है और इसके साथ ही क्यू आर कोड स्कैन करके पेमेंट कर सकते है । आप इस ऐप के जरिए किसी UPI ID से मनी रिक्वेस्ट भी कर सकते हैं।
UPI ID कैसे बनाएं ?
इसके लिए आप गूगल प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड करें। इस ऐप को अपने मोबाइल नंबर और बैंक खाते से जोड़े। यूपीआई आईडी तभी जेनरेट होता है जब आप यूपीआई सेवा का समर्थन करने वाले ऐप में आधार नंबर, बैंक खाता और मोबाइल नंबर सबमिट करते हैं। आपकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए ऐप की ओर से आपके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाता है। आपके द्वारा ओटीपी को सबमिट करने के बाद ही यूपीआई आईडी जेनरेट होता है। यूपीआई आईडी के लिए एक पिन बनाना होता है।
यूपीआई आईडी सामान्यतया 16 अंकों का होता है। यूपीआई आईडी जेनरेट करने के लिए किसी बैंक के एटीएम कार्ड की जरूरत नहीं पड़ती है। सरकार ने इसके चलन को बढ़ावा देने के लिए डेबिट कार्ड के बिना यूपीआई पंजीकरण को संभव बना दिया है।
यूपीआई से आप एक दिन में एक लाख रुपये तक भेज सकते हैं। लेकिन यह पेयमेंट सर्विस प्रोवाडर पर निर्भर करता है। भीम ऐप एक दिन में 40 हजार रुपये लेन देन की सीमा तय कर रखी है। उपभोक्ता के लिए यूपीआई लिमिट को बढ़ाना या उसमें कोई बदलाव करना संभव नहीं है। यह सेवा बिल्कुल ऐप आधारित है। इसलिए फोन के द्वारा ही इस सेवा का लाभ लिया जा सकता है।
यूपीआई से लेनदेन को सीमित रखा गया है। सामान्य रूप से प्रति व्यक्ति प्रति दिन अधिकतम 10 बार लेन देन कर सकता है। गूगल पे ऐप भी अन्य दूसरे ऐप की तरह ही है। इससे भी आप एक दिन में एक लाख रुपये ही ट्रांसफर कर सकते हैं।
लेन देन के बाद यूपीआई ट्रांजेक्शन आईडी पता करना बड़ा ही आसान है। अपने मोबाइल फोन में मौजूद ऐप को आपन करें। होम स्क्रीन पर ट्रांजेक्शन डिटेल्स पर जाएं। अलग अलग ऐप में विभिन्न तरह से ट्रांजेक्शन आईडी निकालने के बारे में दिया होता है। यूपीआई ट्रांजेक्शन आईडी को ट्रैक करना बहुत ही आसान है।
ऐप के माध्यम से किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन करने के लिए यूपीआई पिन होना अनिवार्य है। आपको पता होना चाहिए कि पेटीएम, फोनपे, गूगल पे आदि से पैसे भेजने के लिए यूपीआई भुगतान प्रणाली का उपयोग करते हैं।
इन सभी में यूपीआई पिन दर्ज किया जाता है। यूपीआई पिन एक चाबी की तरह है। इसके बगैर आप कोई ट्रांजेक्शन नहीं कर सकते हैं। यूपीआई पिन तभी बनाया जाता है जब आप ऐप डाउनलोड करते हैं और इसपर आपना एकाउंट बनाते हैं। यूपीआई पिन आप अपनी मर्जी से रख सकते हैं। यह चार या छह अंक का होता है। हम इस पिन को आसानी से रिसेट भी कर सकते हैं.
यह बिल्कुल एटीएम पिन की तरह है। इसे आप कभी भी रिसेट कर सकते हैं। रिसेट करने के दौरान आपके सर्विस प्रोवाइडर यह सुनिश्चत करता है आप जेन्यून यूजर हैं। इसके लिए बैंक खाता व अन्य जानकारी कंफर्म कराना होता है। सही सही जानकारी प्रदान करने पर आप यूपीआई पिन रिसेट कर सकते हैं.
यूपीआई ट्रांजेक्शन और नेट बैंकिंग में बहुत अंतर है। नेट बैंकिंग सीधा बैंक से जुड़ा होता है। यूजर को लेनदेन के लिए बैंक के वेबसाईट या इसके ऐप पर जाना होता है। यहां लॉग इन कर बैंकिग सुविधा का लाभ लिया जाता है। इसके तहत एक लाख रुपये से अधिक का ट्रॉजेक्शन किया जा सकता है। लेकिन यूपीआई में अधिकतम राशि भेजने की लिमिट है। हालांकि, यूपीआई में बैगैर एकाउंट नंबर के आप रुपये भेज सकते है। मोबाइल नंबर पर भी रुपये भेज सकते हैं.
यूपीआई के कई फायदे हैं। यूजर बगैर कैश के आसानी से बाजार में खरीद बिक्री कर सकता है। कहीं भी चंद सेकेंड में रुपये भेज सकता है। वहीं, इसके नुकसान भी हैं। हैकर आपको चपत लगा सकता है। मोबाइल गुम होने पर भी पैसे निकालने का खतरा बना रहता है। UPI क्या है और कैसे काम करता है
UPI बेस्ट क्यों है?
यूपीआई आज के समय में लेन देन के लिए लोकप्रिय है, क्योंकि इसे इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है और लगभग हर जगह इसकी सुविधा है। आज के समय में बहुत से लोग यूपीआई भुगतान का इस्तेमाल करते हैं। इन सबके अलावा यूपीआई सेवा प्रदान करने वाले ऐप ग्राहकों को लुभाने के लिए तमाम तरह के ऑफर और कैशबैक भी देते हैं।
मौजूदा समय में यूपीआई ऐप कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे यूजर्स को यूपीआई ट्रांजेक्शन में किसी तरह की परेशानी नहीं होती है। इसके माध्यम आप मोबाइल रिचार्ज, बिल का भुगतान, टैक्स सेविंग फंड्स में निवेश, इंश्योरेंस खरीदना, म्यूचुअल फंड में निवेश और सोने में निवेश कर सकते हैं। यहीं नहीं यूजर्स ओला कैब बुक कर सकते हैं, रेडबस का किराया दे सकते हैं, फ्लाइट और ट्रेन टिकट बुक कर सकते हैं.
UPI फ्री क्यों है?
वर्तमान में यूपीआई के माध्यम से किए गए लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं है। भारत सरकार यूपीआई पर फिलहाल कोई शुल्क नहीं लगाना नहीं चाहती है। इसका मुख्य कारण है सरकार कैशलेश ट्राजेक्शन को बढ़ावा देना चाहती है। सरकार की सोच है कि यूपीआई ट्राजेक्शन से अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सकता है.
वर्तमान समय में यूपीआई से फास्ट कोई भी भुगतान नहीं कर सकता है। यह इसकी सबसे बड़ी खासियत है। आप जितने समय में पर्श से रुपये निकालेंगे और इसकी गिनती करेंगे उससे कम समय में यूपीआई से ट्रांजेक्शन किया जा सकता है।
फिलहाल यूपीआई ट्रांजेक्शन पर किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है। लेकिन इस तरह की खबर है कि आने वाले समय में आपको इस सुविधा का लाभ लेने के लिए आपको चार्ज देना पड़ सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यूपीआई के जरिए किए जाने वाले भुगतान पर चार्ज लगा सकता है.